Hindi Lyrics
अगर बेवफ़ा, तुमको पहचान जाते
ख़ुदा की क़सम हम मुहब्बत न करते
जो मालूम होता, ये इलज़ाम-ए-उलफ़त
तो दिल को लगाने की ज़ुर्रत न करते
जिन्हें तुमने समझा मेरी बेवफ़ाई
मेरी ज़िन्दगी की वो मजबूरियाँ थीं
हमारी मुहब्बत इक इम्तिहां थी
ये दो दिन की थोड़ी सी जो दूरियाँ थीं
अगर सच्ची होती मुहब्बत हमारी
तो घबरा के तुम यूँ शिकायत न करते
जो हम पर है गुज़री हमीं जानते हैं
सितम कौन सा है नहीं जो उठाया
निगाहों में फिर भी रही तेरी सूरत
हर एक सांस में तेरा पैगाम आया
अगर जानते तुम ही इलज़ाम दोगे
तो भूले से भी हम तो उलफ़त न करते